संकटमोचक अध्याय 30

Sankat Mochak
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दस मिनट बाद जब प्रधान जी और राजकुमार सौरव कुमार के कार्यालय से बाहर निकले तो पत्रकारों ने उन्हें घेर लिया।

क्या बातचीत हुयी आपकी एस एस पी से प्रधान जी, क्या नतीजा निकला इस बातचीत का। अमर प्रकाश के पत्रकार दूबे ने पूछा।

इसका जवाब आपको न्याय सेना के सैक्रटरी जनरल और आधिकारिक प्रवक्ता राजकुमार जी देंगें। प्रधान जी ने अपनी बला राजकुमार के सिर पर डालते हुये कहा। सब पत्रकारों का ध्यान राजकुमार पर केंद्रित हो गया था।

एस एस पी साहिब के पहल करने पर न्याय सेना का दो लोगों का प्रतिनिधि मंडल, यानि कि प्रधान जी और मैं, उनसे अभी अभी उनके कार्यालय में मिलकर आ रहे हैं। एस एस पी साहिब का ये कहना है कि पुलिस इस मामले में अपना काम निष्पक्ष रुप से करेगी और दोषी पाया जाने पर हरपाल सिंह के खिलाफ कार्यवाही अवश्य की जायेगी। राजकुमार ने बोलना शुरु किया। पत्रकार जल्दी से नोट करते जा रहे थे।

किंतु न्याय सेना के प्रदर्शन करने की चेतावनी से इस मामले में पुलिस पर दबाव बना है। कल को अगर पुलिस दोषी पाये जाने पर भी हरपाल सिंह के खिलाफ कार्यवाही करती है तो उसे और बहुत से लोगों को ये कहने का मौका मिल सकता है कि शायद हरपाल सिंह दोषी था भी नहीं, पर दबाव में आकर पुलिस ने कार्यवाही कर दी।

इससे पुलिस की छवि को धक्का लगेगा और न्याय प्रणाली पर से लोगों का विश्वास भी कम होगा। इसलिये उन्होंने न्याय सेना से मांग की है कि हम अपना प्रदर्शन अनिश्चित काल के लिये स्थगित कर दें ताकि पुलिस पर इस मामले में किसी प्रदर्शन का कोई दबाव न रहे। उन्होने ये भी कहा है कि केस की जांच के नतीजे से अगर हम संतुष्ट नहीं होते हैं तो फिर किसी भी तरह का प्रदर्शन करने के लिये स्वतंत्र हैं। राजकुमार ने इतना कहकर अपनी बात को विराम दिया।

तो फिर क्या फैसला है न्याय सेना का। सवाल फिर एक बार दूबे ने ही पूछा था।

न्याय सेना ये समझती है कि न्याय केवल मैरिट के आधार पर ही होना चाहिये, किसी दबाव के कारण नहीं। हरपाल सिंह के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए। इसलिये कि वो दोषी है, इसलिये नहीं कि कार्यवाही न करने पर प्रदर्शन हो जायेगा। इसलिये न्याय सेना एस एस पी साहिब की इस मांग को जायज मानते हुये अपना प्रदर्शन इस केस की जांच रिपोर्ट आने तक स्थगित करती है, ताकि इस केस की जांच बिना किसी दबाव के निष्पक्ष रूप से पूरी हो सके।

और कब तक आ जायेगी ये जांच रिपोर्ट। दूबे के सवाल खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे थे।

एस एस पी साहिब ने आश्वासन दिया है कि इस जांच को जल्द से जल्द पूरा किया जायेगा और जांच रिपोर्ट के आधार पर अगली कार्यवाही की जायेगी। राजकुमार के इतना कहते ही दूबे के सवाल थम गये थे। प्रधान जी राजकुमार की शब्दों पर इतनी जबरदस्त पकड़ को देखकर हैरान थे। कितनी आसानी से शब्द खोज लेता था हर स्थिति को अपने अनुकूल बनाने के लिये।

ओये पुत्तर, तू तो शब्दों का जादूगर है, कैसे सारी स्थिति को अपने पक्ष में कर लिया। पांच मिनट के बाद गाड़ी में बैठे हुये प्रधान जी ने कहा। गाड़ी राजकुमार चला रहा था। राजू और जग्गू पिछली सीट पर बैठे थे।

सब आपके आशिर्वाद का पुण्य प्रताप है प्रधान जी। राजकुमार ने प्रधान जी का एक और डायलाग उन्हीं पर चलाया तो सब हंस पड़े।

लगभग आधे घंटे के बाद जब सब लोग न्याय सेना के कार्यलय में बैठ कर गप्पें लड़ा रहे थे तो राजकुमार के मोबाइल की घंटी बजी। स्क्रीन पर आज़ाद का नाम पढ़ते ही उसने प्रधान जी के कान में कुछ कहा और बाहर की ओर चल दिया।

जी भाई साहिब, कैसे हैं आप। फोन रिसीव करते ही राजकुमार ने कहा।

ये बहुत बड़ी जीत है आपकी। किसी दुआ सलाम का जवाब दिये बिना ही आज़ाद ने सीधे काम की बात की।

सब आपके सहयोग से ही संभव हो पाया है। राजकुमार ने कृत्ज्ञ स्वर में कहा।

दूबे जी से बात हुई है मेरी अभी, आपके बाद उन्होंने इस सारे मामले पर एस एस पी से भी उनका पक्ष ले लिया है। उन्होंने इस मामले में न्याय सेना के सहयोग के लिये आभार व्यक्त किया है और मामले की जांच जल्द से जल्द पूरी करवाने का वायदा भी किया है। हरपाल सिंह पर कार्यवाही अब जरुर होगी। आज़ाद बोलते चले जा रहे थे अपने ही अंदाज़ में।

ये तो बहुत अच्छी बात सुनायी आपने। राजकुमार ने खुश होते हुये कहा।

अब आप भी कोई अच्छी बात सुना दो, रातो रात कोई बड़ी सैटिंग हुई है आपकी, जो इतनी तारीफ कर रहें है सौरव कुमार आप लोगों की। किसने करवायी ये सैटिंग। आज़ाद ने सीधे जड़ को पकड़ लिया था।

आप तो सब जानते ही हैं भाई साहिब, फिर पूछते क्यों हैं। आज़ाद ने हंसते हुये कहा।

आज न्याय सेना की एक नयी पहचान बनी है। अब से पहले न्याय सेना केवल इंसाफ के लिये लड़ने वाले क्रांतिकारी लोगों का समूह मानी जाती थी। पर आज आपने दिखा दिया है कि बातचीत के जरिये बड़े से बड़े मुद्दे को शांति के साथ सुलझाने की क्षमता भी रखते हैं आप लोग। इस लिये ये बहुत बड़ी जीत है आप लोगों की। अब न्याय सेना को इलेक्शन लड़ने के बारे में सोचना शुरु कर देना चाहिये। आज़ाद ने अपनी बात पूरी की।

इस मामले में फिर कभी विस्तार से बात करेंगे भाई साहिब। फिलहाल तो मैं प्रधान जी को जाकर सौरव कुमार के मीडिया को आधिकारिक बयान देने की बात बता दूं, खुश हो जायेंगे एकदम। राजकुमार ने बात बदलने के लिये कहा।

चलिये मज़ा कीजिये, रखता हूं अब। कहते हुये आज़ाद ने फोन काट दिया।

हिमांशु शंगारी